Tuesday, April 24, 2018

@Raghuvanshi0032_From My Pen-2

2. अपनी खामोशी यूँ तोड़ बैठा उस अन्दाज़ का असर था।
सौ परतो में दबे राज यूँ खोल बैठा उस महफ़िल का असर था।।
सुनने वाले ख़ुश इस कदर लगे जैसे सब तह में छुपे जज्बोंं के राज दे बैठा।। - राजा रघु

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