@Raghuvanshi0031_From my Pen-1
1.खंडहर-सा बना रखा था,
मैंने खुद की सोच को।
फूलों से सजाकर,
इसे महल बनाया है ।।
रहता था ना जाने क्यों,
उजड़ी सी झोंपड़ियों की तरह।
सजाकर खुद की सोच को ,
शानदार सा शहर बनाया है ।।
-राजा-रघु
Labels: raja raghu
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